कोटद्वार बार संघ ने मांग की नैनीताल हाईकोर्ट को कोटद्वार में स्थापित करने की ।कोटद्वार बार संघ के सदस्यों ने कहा कि नैनीताल में रेल सुविधा नहीं है। तथा कई तरह की समस्याओं के बावजूद वहां पर हाईकोर्ट स्थापित करना प्रदेश वासियों के लिये लाभकारी नहीं है। हाई कोर्ट के लिये वहां पर पर्याप्त स्थान भी उपलब्ध नहीं है। जिस कारण अधिकतर कानूनी लड़ाई के लिये वहां पर नहीं जा पाते और वह न्याय से कोसो दूर हो जाते है। जबकि सस्ता एक सुलभ न्याय व्यवस्था बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट और केन्द्र सरकार प्रयासरत है। सिम्भलचौड़ कोर्ट परिसर में स्थित अधिवक्ता कक्ष में कोटद्वार बार संघ की बैठक आयोजित की गई। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि नैनीताल स्थित हाई कार्ट में गरीब, असाहय, निर्धन व्यक्तियों को वहां आने-जाने में आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। नैनीताल पर्यटक स्थल होने के कारण वहां रहना, खाना महंगा है गरीब परिवार के फरीयादी वहां पर आने-जाने में सक्षम नहीं है। जिस कारण गरीब, निर्धन, असहाय व्यक्ति न्याय से वंचित रह जाते है और सुलभ/सस्ता न्याय की परिभाषा से कोसो दूर होते जा रहे है। उन्होंने कहा कि प्रदेश वासियों के हित में नैनीताल हाईकोर्ट को तत्काल कोटद्वार में स्थापित किया जाना आवश्यक है। नैनीताल हाईकोर्ट को कोटद्वार में स्थापित करने की मांग को लेकर सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और प्रधानमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया है। अजय कुमार पंत की अध्यक्षता में बैठक का संचालन प्रवेश रावत ने किया। बैठक में प्रवेश रावत, अरविन्द वर्मा, प्रमोद राणा, इन्द्रेश भाटिया, विकास कुमार, अजंलि अग्रवाल, कुंवर सिंह आर्य, जितेन्द्र रावत, टोनी, संजय जोशी, विनोद कुमार, आनन्दमणि, राजेश कुमार, अमित बडोला आदि उपस्थित रहे।