देहरादून

*गन्ना मूल्य निर्धारित और तपोवन आपदा में प्रभावित क्षेत्रों में विस्थापन को कांग्रेस ने मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन* *(अर्जुन सिंह भंडारी)*

देहरादून-: राज्य के गन्ना किसानों को लंबे वक्त से उनकी बकाया राशि भुगतान न होने व जनपद चमोली के तपोवन में नंदा-देवी श्रृंखला के ग्लेशियर पिघलने के चले तपोवन क्षेत्र में आई बाढ़ आपदा में खतरे में रह रहे गाँव को जल्द से जल्द विस्थापित करने की मांग करते हुए आज राजधानी देहरादून के कई कांग्रेसी नेताओं द्वारा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह व पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत नेतृत्व में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात की।

पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा राज्य के गन्ना किसानों के पिछले बकाया के भुगतान का मुद्दा उठाते हुए मुख्यमंत्री से इकबालपुर चीनी मिल द्वारा लंबे समय से गन्ना किसानों को भुगतान न किये जाने के कारण उनके सम्मुख उपजे आर्थिक संकट की बात रखी व उन्हें जल्द से जल्द बकाया भुगतान करवा कर राहत प्रदान करने को कहा व साथ ही उनके द्वारा राज्य में गन्ने को लेकर एक मूल्य निर्धारित करने की मांग की ताकि राज्य के गन्ना किसान को उनके गन्ने की उपज का निर्धारित ज्ञात हो सके।

इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा मुख्यमंत्री रावत से प्रदेश के चमोली जनपद के तपोवन क्षेत्र में धौलीगंगा में आयी बाढ़ आपदा के चलते नदी के सीमांत क्षेत्र में आई त्रासदी को लेकर कुछ सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सीमान्त क्षेत्रों में निर्मित समस्त जलविद्युत परियोजनाओं का वर्तमान रैणी-तपोवन आपदा के सापेक्ष में ही पर्यावरण एवं तकनीकी आधार पर ऑडिट करवाया जा चाहिए व भविष्य में राज्य में ऐसी स्थिति से निपटने को राज्य सीकर को जलविद्युत परियोजनाओं का सेफ्टी प्लान उपलब्ध रहना चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री से तपोवन क्षेत्र में ग्लेशियर के व्यवहार में आये परिवर्तन के अध्ययन व विश्लेषण के लिए वैज्ञानिक संस्थाओं की समिति बनाने की मांग भी की।

उनके द्वारा तपोवन क्षेत्र में आई इस आपदा में वहां के स्थानियों के जन जीवन में आये परिवर्तन को केंद्रीय गृह मंत्री को अवगत करवाने व वर्तमान जलवायु परिवर्तन तथा विस्थापन जैसी समस्याओं पर वृहद कार्ययोजना तैयार करने की दिशा में काम करने का आग्रह किया व विस्थापन मांग रहे रैणी मुनस्यारी के धापा गांव को विस्थापित करने की दिशा में सरकार को जल्द प्रयास कार्य करने की बात की। उन्होंने एनटीपीसी द्वारा इस त्रासदी में मारे गए मृतकों के आश्रितों को नौकरी देने व प्रभावित क्षेत्रों को विकसित करने के लिये धनराशि देने की मांग भी की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *