आईआईटी में सहपाठी रहे कोटद्वार से प्रशांत रावत एवं नेहल मंमगाई निवासी जॉली ग्रांट ने की न्यायालय में शादी , समाज को दिखाई नई राह,
भारतीय संविधान में सभी लोगों को एक समान अधिकार और संरक्षण के अधिकार से लाभ होता है, और भारत में विवाह तथा परिवार के संबंधों पर विभिन्न कानून हैं जो सभी के लिए एक जैसे ही होते हैं।
देहरादून : आज ucc सिविल कोड कानून पर देश भर में चर्चा चल रही है वही आज के बदलते सामाजिक माहौल में शिक्षित युवा पीढ़ी पुराने रूढ़िवादी नियमो से बाहर निकल कर एक बड़ा स्वस्थ सकारात्मक सन्देश युवा पीढ़ी को दे रहे, आज हमारे युवा कामयाबी की नित कहानी गढ़ रहे है, ओर अपने जीवन साथी भी अपने मुताबिक बराबर के प्रोफेशनल में पसंद कर रहे है, जिसमे जात पात का कोई महत्व नही रख रहे है। जो एक समाजिक मजबूती के लिए अच्छे संकेत है।
इसी तरह की एक शादी उत्तराखंड में चर्चाओं में है। कोटद्वार से प्रशांत रावत एवं नेहल मंमगाई जॉली ग्रांट निवासी जोकि दोनों आईआईटी से पासआउट हैं। प्रशांत इस समय मल्टीनेशनल कंपनी मुंबई में कार्यरत है। जबकि नेहल ममगाई टोक्यो जापान में कार्यरत है।
दोनों ने जॉब लगने के बाद शादी करने का फैसला किया जिसका जिक्र दोनों ने अपने परिवार में रखा दोनों परिवारों ने सहर्ष मंजूरी देते ही
1 माह पूर्व दोनों के द्वारा न्यायालय उप जिलाधिकारी/ विशेष विवाह अधिकारी डोईवाला में विवाह का आवेदन प्रस्तुत किया गया
जिस पर न्यायालय द्वारा विधिवत नोटिस जारी करते हुए आपत्ति आमंत्रित की गई । निर्धारित अवधि तक कोई भी आपत्ति प्राप्त न होने पर दोनों पक्षों को सुनने तथा दोनों पक्षों की सहमति के उपरांत विशेष विवाह अधिकारी डोईवाला द्वारा विवाह की अनुमति प्रदान की गई तथा विवाह प्रमाण पत्र जारी किया गया।
इस अवसर पर दोनों पक्षों की ओर से वर एवं वधू के माता-पिता गवाह के रूप में उपस्थित हुए ।
विवाह की रश्म पूर्ण करने के पश्चात वर वधु द्वारा मैती आंदोलन के अंतर्गत तहसील डोईवाला परिसर में आम का पौधा रोपा गया । सभी उपस्थित लोगों द्वारा वर वधु एवं परिजनों को बधाई दी गई।
इस प्रकार के विवाह जहां एक ओर वर्तमान में विवाह की रस्म में होने वाले अनावश्यक व्यय तथा समय की बचत करते हैं, वहीं दहेज प्रथा को भी रोकने में मददगार है। इसके साथ ही मैती आंदोलन के अंतर्गत वृक्षारोपण से पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी का संदेश भी प्रसारित होता है।