*ऋषिकेश सैमसंग शोरूम में हुई चोरी का खुलासा* बिहार के घोडासन कस्बा का शटर उचका गैंग के तीन शातिर बदमाश ऋषीकेश पुलिस की गिरफ्त में।
ऋषीकेश:- *बिहार राज्य के नेपाल बॉर्डर घोड़ासन कस्बा का अंतर्राष्ट्रीय शटर कटवा गैंग के तीन शातिर अभियुक्त, घटना में प्रयुक्त स्कॉर्पियो गाड़ी व चोरी हुए कुछ मोबाइल, एक देसी तमंचा 315 बोर व दो जिंदा कारतूस के साथ गिरफ्तार*
7मार्च 2020 को ऋषीकेश में सैमसंग स्मार्ट प्लाजा शॉप में शटर तोड़ कर सैमसंग कम्पनी के लाखो के महंगे मोबाईल चोरों ने चोरी कर लिए थे। जिसकी जानकारी शिकायतकर्ता श्री विवेक राणा पुत्र श्री पुष्कर सिंह राणा निवासी अमित ग्राम गली नंबर 28 हाल पता मैनेजर अधिराज इलेक्ट्रॉनिक्स सैमसंग स्मार्ट प्लाजा हरिद्वार रोड ऋषिकेश के द्वारा एक प्रार्थना पत्र दिया गया था की मैं सैमसंग स्मार्ट प्लाजा निकट कोयल घाटी हरिद्वार रोड में मैनेजर हूं, जिसके मालिक श्री मानव जोहर हैं। शोरूम में दिनांक 7 मार्च 2020 को अज्ञात चोरो द्वारा शटर काटकर कुछ मोबाइल चोरी कर लिए हैं मुझे इस बात का पता आज सुबह शॉप पर आकर चला है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए कोतवाली ऋषिकेश में *तत्काल मुकदमा अपराध संख्या 116/2020 धारा 380/457 आईपीसी बनाम अज्ञात पंजीकृत कर विवेचना प्रारंभ की गई। पुलिस द्वारा लगातार इस घटना पर बारीकी से वैज्ञानिक तौर तरीकों से विवेचना जारी रखी और घटनास्थल के आसपास व वहां से आने जाने वाले रास्तो पर लगे सीसीटीवी कैमरो की मदद से बरेली टोल प्लाजा तक कुल 1200 से अधिक सीसीटीवी कैमरो की फुटेज का विश्लेषण किया सीसीटीवी से प्राप्त स्कॉर्पियो गाड़ी के रजिस्ट्रेशन नंबर की सहायता से अभियुक्तों के विषय में जानकारी हासिल हुई कि उक्त गैंग शटर कटवा के नाम से कुख्यात एक अन्तराष्ट्रीय गैंग है, गैंग के सदस्य घोड़ासहन जिला मोतिहारी, बिहार के निवासी है। पुलिस टीम द्वारा उक्त शटर कटवा गैंग के विषय में अन्य राज्यों से भी जानकारी हासिल की गई व इनके सभी संभावित स्थानों पर लगातार दबिश दी गई। इस अपराध के विवेचना के लिए गठित पुलिस टीम को कल सायं चेकिंग के दौरान मुखबिर द्वारा सूचना प्राप्त हुई की एक सफेद रंग की स्कार्पियो गाड़ी जिसकी फोटो आपके द्वारा मुझे पूर्व में दी गई थी हरिद्वार से इधर की ओर आ रही है जो ऋषिकेश या देहरादून जा सकती है। इस सूचना पर *गठित टीम द्वारा तत्काल नेपाली तिराहे से आगे पुल के पास बैरियर लगाकर चेकिंग की गई। जहां कुछ समय पश्चात मुखबिर द्वारा दी गई सूचना से संबंधित सफेद रंग की स्कार्पियो गाड़ी नंबर BR05-PA-5568 को रोककर उसमें बैठे तीनों व्यक्ति से पूछताछ करते हुए तलाशी ली गई तो चालक के पास से एक देसी तमंचा 315 बोर वह दो कारतूस व गाड़ी की तलाशी लेने पर लोहे का एक बड़ा सब्बल बरामद हुआ। सख्ती से पूछताछ करने पर इन लोगों के द्वारा अपना जुर्म कबूल कर लिया गया।
अपराधियों के नाम पता
1- *निजामुद्दीन उर्फ गंगा पुत्र हलीम मियां निवासी ग्राम मवाही पोस्ट व थाना घोड़ासन ,पूर्वी चंपारण बिहार* (मुख्य अभियुक्त)
2- *मिथुन कुमार पुत्र राम आशीष महत्व निवासी नक्कड देही थाना नक्कड देही जिला पूर्वी चंपारण बिहार* (चालक)
3- *मनोज कुमार पुत्र योगेंद्र प्रसाद निवासी ग्राम बिशनपुर अठ्ठमचहान थाना झरोकर जिला पूर्वी चंपारण बिहार*
उक्त शटर कटवा गैंग बहुत ही खतरनाक है, अन्य सरहदी राज्यों से भी इनके अपराधिक इतिहास की जानकारी की जा रही है।
अभियुक्तो द्वारा पूछताछ करने पर बताया कि *हमारे घोडासन में लगभग 100 गैंग कार्यरत है, एक गैग में 5 से 6 व्यक्ति तक होते है। इस गैग को अन्तराष्ट्रीय स्तर पर शटर तोड गैग / चादर गैग / घोडासन गैंग के नाम से जाना जाता है। जो सम्पूर्ण भारत वर्ष में मोबाईल स्टोर में चोरी घटनाये करते है।*
इस गैंग में दो व्यक्ति मुख्य होते है जो यह निर्णय लेते है कि किस राज्य में घटनाये करनी है। फिर मुख्य व्यक्ति पैसो की व्यवस्था करता है जो कि आने जाने के लिए गाडी बुक करने / रेलवे टिकट के खर्च तथा रास्ते के खाने पीने व अन्य लोगो के परिवार को देने में व्यय होता है तथा दूसरा व्यक्ति गैंग में जाने वाले अन्य व्यक्तियों को तैयार करता है। जब यह गैंग घटना करने जाता है तो इसे मेला कहते है। गैंग जहां भी घटना करने जाता है रास्ते में कहीं भी होटल आदि में न रुककर केवल रेलवे स्टेशन की पार्किग में ही रूकते है तथा घटना करने से पूर्व ही अपने मोबाईल फोन बंद कर देते है। गैग में एक व्यक्ति चादर लेकर दुकान के आगे खडा हो जाता है और दो मोटे व्यक्ति दुकान का शटर खीचते है। फिर एक पतला व्यक्ति थैला लेकर अन्दर घुसता है और मोबाईल फोनो को डिब्बो से निकालकर, थैले में भर लेता है। इतनी देर बाकी व्यक्ति बाहर दुकान के आस-पास घुमते रहते है। उसके बाद अन्दर बाला व्यक्ति शटर पर हाथ मारता है तो फिर से चादर लगाकर शटर खीचकर अन्दर गये व्यक्ति को निकाल लेते है और वापस गाडी लेकर किसी रेलवे स्टेशन पर पहुचते है। गैग से एक व्यक्ति ट्रेन या बस से उस बैग को लेकर वापस जाता है तथा उन चोरी किये मोबाईल फोन को मुखिया का आदमी नेपाल बार्डर पर प्राप्त करता है, और वह सभी फोंन नेपाल चले जाते है। मुखिया को उन मोबाईलो की कीमत का 40 प्रतिशत मिलता है। गैंग के अन्य लोग किसी और शहर में घटना करने निकल जाते है, गैंग एक बार जब घटना करने निकलता है तो लगातार चार – पांच घटनांए करके ही वापस जाता है।
उक्त गैंग के गिरफ्तार किये गये सदस्यो से पूछताछ में इन्होने बताया कि जब गांव से घटना करने के लिए सिलीगुड़ी निकले थे परन्तु वहां घटना करने में सफल नहीं होने के कारण हम लोग हरिद्वार आ गये। हरिद्वार आकर हम रातभर हरिद्वार स्टेशन पर रुके दिनांक 07.03.2020 की सुबह हम गाडी से ऋषिकेश आये, ऋषिकेश में आकर गैंग के कुछ सदस्यो द्वारा दुकानो की रैकी की गयी, रैकी के अनुसार हम सभी को सैमसंग स्टोर दिखाया गया तब हमारा पूरा गैंग वापस हरिद्वार रेलवे स्टेशन चला गया था और दिनांक 08.03.2020 को सुबह 02 – 03 बजे घटना करने के लिए ऋषिकेश आये। रैकी करके तय की गयी दुकान सैमसंग स्टोर के आगे हमसे एक व्यक्ति ने दुकान की शटर के आगे चादर लगायी एंव दो व्यक्तियो ने शटर खींचकर एक आदमी को दुकान में घुसाया था, शेष गैंग के सदस्य बाहर सड़क टहलते रहे, जब दुकान के अदर गये व्यक्ति द्वारा डिब्बो से मोबाईल निकालकर थैले में भरकर शटर में मारकर इशारा किया तो फिर से हमने चादर लगाकर उसे बाहर निकाला और हमारा पूरा गैंग गाड़ी लेकर सीधे मुरादाबाद रेलवे स्टेशन पहुँचे। मुरादाबाद रेलवे स्टेशन से गैंग का एक आदमी चोरी के मोबाईलो से भरा बैग लेकर ट्रेन से वापस बिहार चला गया जिसे चोरी के मोबाईलो को नेपाल बार्डर पर मुखिया के आदमी को देना था। शेष गैंग गाड़ी लेकर अन्य घटना करने के लिए दिल्ली रोड पर निकल गये थे लेकिन रास्ते में गैंग की गाडी का एक्सीडेन्ट हो जाने के कारण गैंग अपने घर के लिए निकल गया। ऋषिकेश की घटना करने पर गैंग के प्रत्येक सदस्य को 10-10 हजार रूपये मिले थे। तीन मोबाईल को इस्तेमाल के लिए गैंग ने अपने पास रख लिया था, जो गैंग के सदस्यो से बरामद हुये है, चोरी के अन्य मोबाईल गैंग के मुखिया द्वारा नेपाल में बेचना प्रकाश में आया है, नेपाल में किसे कहां बेचे है इसकी जानकारी सिर्फ गैंग का मुखिया को ही होती है। गैंग के मुखिया व अन्य प्रकाश में आये अभियुक्तो की तलाश / गिरफ्तारी हेतु लगातार दबिश दी जा रही है।