शिक्षा मंत्री रह चुके अरविंद पांडे का कहना है, कि अभिभावकों की पीड़ा को समझते हुए, उनकी सरकार ने एनसीईआरटी पुस्तकों को लागू करवाने का काम किया था, क्योंकि एक तो एनसीईआरटी की पुस्तकें सस्ते दामों पर उपलब्ध हो जाती है,
और दूसरा एनसीआरटी एक धर्म ग्रंथ है, जिससे अच्छी शिक्षा हासिल होती है। लेकिन कुछ शिकायतें जिस तरीके से मिल रही हैं, उससे लग रहा है कि कुछ स्कूलों ने महंगी किताबें खरीदवाने का काम किया है, जिससे अभिभावक परेशान है, कुछ अधिकारियों की लापरवाही से सरकार बदनाम हो रही है, जिसे वह होने नहीं देंगे। इसलिए ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए, जिनकी लापरवाही है, उधम सिंह नगर के जिलाधिकारी को उन्होंने निर्देश दिए हैं, कि जिन स्कूलों ने नियमों के विपरीत जाकर महंगी किताबों को खरीदवाने का काम किया है,
उनकी मान्यता को समाप्त किया जाए, साथ ही जिन 4 जिलों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों को सस्पेंड किए जाने की मांग पूर्व शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे कर रहे हैं, उनमें देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर और नैनीताल जिले के मुख्य शिक्षा अधिकारी हैं।