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पेट्रोल की बढ़ती कीमतों के बीच यह अच्छी खबर, आपको सिर्फ 15 हज़ार ही खर्च करने पड़ेंगे, मनमाफिक चलाओ एक्टिवा ।

जैसा कि सभी जानते हैं भारत में पैट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों की वजह से वाहन चालकों के जेब का खर्च दोगुना हो गया है। ऐसे में जैसे-जैसे पेट्रोल के दाम बढ रहे हैं अल्टरनेटिव फ्यूल के नए अवसर भी मार्केट में आ रहे हैं। इसी कड़ी में स्कूटर के लिए CNG किट मार्केट में आ गया है।

एक तरफ जहां पेट्रोल की कीमत 90 रुपये प्रति लीटर है वहीं CNG की कीमत लगभग 47-49 रुपये प्रति लीटर तक है। सीएनजी किट के बाद स्कूटर भी 80 किलोमीटर तक का एवरेज देने लगता है। ऐसे में CNG से स्कूटर चलाने वालों के लिए इससे जुड़ी पूरी डिटेल्स लेकर आए हैं। आइये जानते हैं इसके बारे मे पूरी जानकारी।

आपको बता दें कि भारत में अभी कोई भी कंपनी स्कूटर में सीएनजी किट लगाकर नहीं बेच रही है। लेकिन लोवाटो (Lovato) एक ऐसी कंपनी है, जिसने स्कूटर के लिए सीएनजी किट को मार्केट में उतारा है और इसकी शुरुआत होण्डा के एक्टिवा (Activa) से की गई है। यदि किसी के पास होण्डा की एक्टिवा मौजूद हैं तो वह सीएनजी किट लगवा सकता है।

लोवाटो की CNG किट को एक्टिवा में सिर्फ 15 हजार रुपये के खर्च पर लगवाई जा सकती है। यदि आप प्रतिदिन ठीक-ठाक स्कूटर चलाते हैं तो यह कीमत एक वर्ष में ही वसूल हो जाएगी।

कुछ लोगों के दिमाग में यह चल रहा होगा कि होण्डा की एक्टिवा मे सीएनजी किट लगाने के बाद वह पेट्रोल से नहीं चलेगा। ऐसे में आपको बता दें कि इसे लगवाने के बाद यह पैट्रोल से भी चलेगी, क्योंकि CNG किट लगाते समय इसमें एक स्विच लगाया जाता है, जिससे वाहन चालक अपनी मर्जी के अनुसार सीएनजी या पेट्रोल से चला सकते हैं।

होण्डा के एक्टिवा (Activa) में इसे लगाने में 4 घंटे का समय लगता है। एक्टिवा में आगे 2 सिलेंडर लगाकर बाद में उसे ब्लैक प्लास्टिक से कवर कर दिया जाता है। इसके अलावा सीट के नीचे CNG किट को ऑपरेट करने वाली मशीन को लगाया जाता है।

इस किट को लगाने के बाद यदि आप एक्टिवा को CNG किट से चलाते हैं यह कम ताकत के साथ चलती है। इससे किसी अन्य वाहन को ओवरटेक करने में परेशानी होगी।

CNG किट वाला सिलेंडर 1.2 KG का होता है। इसे एक बार भराने के बाद यह 120 से 130 किलोमीटर तक ही सफर तय करता है इसलिए इसे बार-बार भरवाने की आवश्यकता होगी।

[ डि‍सक्‍लेमर: यह न्‍यूज वेबसाइट से म‍िली जानकार‍ियों के आधार पर बनाई गई उत्तराखंड केसरी अपनी तरफ से इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है. ]

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