उन्होंने कहा कि वर्तमान में 150 विद्यालयों को इससे जोड़ा जा चुका है। अगले 15 दिनों में शेष 350 विद्यालयों को भी इससे जोड़ दिया जाएगा। सीएम ने कहा कि वर्चुअल क्लास का इस्तेमाल कैरियर परामर्श, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी, मोटिवेशन क्लास, साक्षरता, स्वास्थ्य संबंधी कार्यों के लिए भी किया जा सकेगा। उन्होंने सचिव शिक्षा को इसके लिए प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नौ साल पहले यह प्रोजेक्ट मंजूर हुआ था, लेकिन इस पर निर्णय नहीं हो सका था। ऐसा कई बार हुआ है। आपातकालीन वाहन 108 की खरीद के लिए 2014 से करोड़ों रुपया मंजूर था, लेकिन इस पर भी निर्णय न ले पाने से वाहन नहीं ले पाए। सीएम ने कहा कि जो लोग पदों पर बैठे हैं वे समय पर निर्णय लें।
वर्तमान में इसे 500 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में संचालित किया जाएगा। जो प्रदेश के बच्चों के लिए बड़ा तोहफा है। माध्यमिक विद्यालयों के छात्र इसके माध्यम से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि वर्चुअल क्लासरूम तकनीक नवीनतम तकनीक है। यह स्मार्ट क्लासरूम व आईसीटी लैब से आधुनिक है।