उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने भाजपा नेताओं के इशारे पर कांग्रेस नेताओं के खिलाफ आपदा प्रबन्धन अधिनियम की संगीन धाराओं में झूठे मुकदमे दर्ज किये जाने की कडे शब्दों में निन्दा की है।
उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने भाजपा नेताओं के इशारे पर कांग्रेस नेता श्री तिलक राज बेहड, अरूण तनेजा एवं उनके साथियों के खिलाफ आपदा प्रबन्धन अधिनियम की संगीन धाराओं में झूठे मुकदमे दर्ज किये जाने की कडे शब्दों में निन्दा की है।
प्रदेश के मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक को लिखे पत्र में कांग्रेस अध्यक्ष श्री प्रीतम सिंह ने कांग्रेस नेता पूर्व मंत्री श्री तिलक राज बेहड एवं किच्छा नगर अध्यक्ष अरूण तनेजा के खिलाफ दर्ज मुकदमें वापस लिये जाने की मांग करते हुए कहा कि भाजपा नेताओं के इशारे पर राज्यभर में कांग्रेस नेताओं पर झूठे मुकदमे दर्ज किये जा रहे हैं जिसकी कांग्रेस पार्टी निन्दा करती है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री प्रीतम सिंह ने कहा कि जनपद उधमसिंहनगर के मलसा गिरधरपुर मे घटित हिंसा की घटना कांग्रेस नेता श्री तिलकराज बेहड़ के अपने पैत्रिक गांव की है तथा अपने पैत्रिक गांव होने के नाते घटना की सूचना मिलने पर घटना के बाद हिंसा न हो इसी के मद्देनजर लोगों को समझाने-बुझाने की नीयत से श्री तिलकराज बेहड स्वयं घटना स्थल पर गये थे। श्री बेहड के जाने से पूर्व गांव में स्थिति काफी दनावपूर्ण थी जिसे उन्होंने शांत करने का कार्य किया। इसके बाद अगले दिन स्थिति की जानकारी लेने के लिए उन्होंने गांव जाने का प्रयास किया जिसके विरोध में स्थानीय प्रशासन द्वारा उनके खिलाफ आपदा प्रबन्धन अधिनियम की संगीन धाराओं में झूठे मुकदमे दर्ज कर दिये गये।
श्री प्रीतम सिंह ने कहा कि इसी प्रकार ऊधमसिंह नगर में प्रशासन की नाक के नीचे हुए राशन किट घोटाले को उजागर करने वाले किच्छा नगर अध्यक्ष अरूण तनेजा एवं उनके साथियों के खिलाफ दर्ज झूठे मुकदमों की ओर आकर्षित कराना चाहता हूं। भाजपा नेताओं के इशारे पर स्थानीय प्रशासन द्वारा की गई इस कार्रवाई की प्रदेश कांग्रेस कमेटी कडे शब्दों में निन्दा करती है। उन्होंने कहा कि ऊधमसिंह नगर में हुए राशन किट घोटाले का मामला देवभूमि उत्तराखंड को शर्मसार करने वाली घटना है। कोरोना महामारी जैसी वैश्विक आपदा के समय 650₹ में मिलने वाली राशन किट के लिए प्रशासन द्वारा 800₹ का भुगतान किया जाना सीधे तौर पर जनता के धन की खुली लूट है। स्थानीय भाजपा नेताओं व रूद्रपुर प्रशासन की आपसी मिलीभगत से राशन किट सप्लाई का वर्क आर्डर बिना टेंडर के कोटेशन के आधार पर 800₹ प्रति किट के हिसाब से खरीद कर करोड़ों रूपये के घोटाले को अंजाम दिया गया है। जबकि एक स्थानीय व्यापारी द्वारा सार्वजनिक रूप से सस्ती राशन किट देने की बात की गई तो प्रशासन द्वारा नोटिस जारी कर उसके खिलाफ एफआईआर करने की धमकी दी गई। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि कोरोना महामारी के नाम पर स्थानीय प्रशासन अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने की नीयत से जनता के धन की बंदरबांट में लग गया है।