देहरादून

उत्तराखंड वोटर लिस्ट हुई अपडेट , एक लाख से ज्यादा नाम हटाए गए,

उत्तराखंड की मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने मंगलवार को विधिवत वोटर लिस्ट जारी की। उन्होंने बताया कि राज्य में वोटर लिस्ट अपडेट करने का काम आठ अगस्त से शुरू किया था, जो 30 अक्तूबर तक चला। इस दौरान 1,32, 291 नए नाम वोटर लिस्ट में जुड़े, जबकि 1,01,483 के नाम हटाए गए हैं। इस तरह पिछले साल की वोटर लिस्ट में कुल 30,808 मतदाता और बढ़ गए हैं।  सौजन्या ने बताया है कि नई वोटर लिस्ट आयोग की वेबसाइट के साथ ही सभी बीएलओ को दे दी गई है। हालांकि मतदाता बनने के लिए आवेदन इसके बाद भी चुनाव नोटिफिकेशन के तिथि तक किया जा सकता है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने बताया कि वोटर लिस्ट एक जनवरी 2022 के आधार पर तैयार की गई है, जिन युवाओं की उम्र 18 साल पूरी हो चुकी है, वो बीएलओ से मिलकर या वोटर हेल्पलाइन एप के जरिए मतदाता बनने के लिए आवेदन कर सकते हैं। चुनाव प्रक्रिया में युवाओं की भागीदारी बेहद जरूरी है। आयोग ने नए मतदाताओं के पंजीकरण पर जोर देते हुए, नवंबर माह में विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया है। इसी क्रम में 13- 14 और 27- 28 नवंबर को सभी बीएलओ अपने बूथ पर रह कर नए मतदाताओं के आवेदन स्वीकार करेंगे। आयोग सामान्य तौर पर आवेदन के 15 दिन में मतदाता पहचान पत्र जारी कर देता है। उत्तराखंड में कुल मतदाता 7846000 हैं। इसमें 40 लाख से ज्यादा पुरुष और 37 लाख  महिलाएं व 251 अन्य लोग हैं।

  • उत्तराखंड वोटर लिस्ट से जुड़े 1,32, 291 नाम और 1,01,483 के नाम हटाए गए
  • उत्तराखंड में कुल मतदाताओं की संख्या 7846000 हो गई है
  • पुरुष – 4087018, महिला – 3758731, अन्य – 251
  • वोटर लिस्ट एक जनवरी 2022 के आधार पर तैयार की गई है

1200 से अधिक मतदाता वाले मतदेय स्थलों को विभाजित किया गया

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि विधानसभा निर्वाचक नामावली का 1 जनवरी 2022 की अर्हता तिथि के आधार पुनरीक्षण से पूर्व प्रारम्भिक तैयारियों के आलोक में मतदेय स्थलों के मानकीकरण भी किया गया। इसमें, किसी भी मतदाता को अपने आवास से मतदेय स्थल तक पहुंचने के लिए 2 किमी से अधिक पैदल दूरी तय न करनी पड़े, 1200 से अधिक मतदाता वाले मतदेय स्थलों को विभाजित किया जाना आदि बातों पर विशेष ध्यान दिया गया। मतदेय स्थलों के संशोधन, परिवर्तन एवं परिवर्धन प्रस्तावों पर आयोग से दिनांक 05 अक्टूबर 2021 को अनुमोदन प्राप्त हुआ और तदनुसार समस्त जिला निर्वाचन अधिकारियों के द्वारा इसका नियमानुसार लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम  1951 की धारा 25 के अंतर्गत अंतिम प्रकाशन किया गया। अंतिम रूप से प्रकाशित मतदेय स्थलों की सूची मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों को उपलब्ध कराने के साथ-साथ सर्व साधारण की जानकारी के लिए कार्यालय, मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाईट http://ceo.uk.gov.in पर भी उपलब्ध है। आलेख्य प्रकाशन से पूर्व मतदेय स्थलों  की कुल संख्या 11024 थी जो कि अंतिम रूप से एकीकरण के उपरांत 11647 हो गई है। प्रत्येक मतदेय स्थल पर भारत निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देशों के अनुसार रैम्प, पेयजल, पर्याप्त फर्नीचर, विद्युत, हेल्प डेस्क, उचित संकेतांक, महिला व पुरूष के लिए अलग-अलग शौचालय, शेड जैसी सुविधाएं सुनिश्चित की गई हैं।

01 जनवरी 2022 की अर्हता तिथि के आधार पर अभी भी जुड़वा सकते हैं अपना नाम

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि भारत के ऐसे नागरिक जो दिनांक 01 जनवरी 2022 को 18 वर्ष या इससे अधिक की आयु पूर्ण कर रहे हैं, विधानसभा निर्वाचक नामावली में नाम सम्मिलित कराने के लिए प्रारूप-6 पर अपना आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। वर्तमान आलेख्य निर्वाचक नामावली में जिन निर्वाचकों के नाम, अन्य विभिन्न विवरण या फोटोग्राफ आदि त्रृटिपूर्ण अथवा अशुद्ध हैं, उसे सही कराने के लिए प्रारूप-8 पर आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यदि किसी का नाम त्रुटिवश विलोपित हो गया है तो भी नाम सम्मिलित कराने के लिए फार्म-6 भर सकते हैं।

30808 मतदाताओं की शुद्ध वृद्धि हुई

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि 01 जनवरी 2021 की अर्हता तिथि पर दिनांक 15 जनवरी 2021 को उत्तराखण्ड में 78 लाख 15 हजार 192 मतदाता थे। 01 जनवरी 2022 की अर्हता तिथि पर दिनांक 01 नवम्बर 2021 के आलेख्य में कुल मतदाताओं की संख्या 78 लाख 46 हजार हो गई है। इस प्रकार दिनांक 15 जनवरी 2021 से 12 अक्टूबर 2021 के मध्य उत्तराखण्ड राज्य में 30 हजार 808 मतदाताओं की शुद्ध वृद्धि हुई है। प्रति हजार पुरूषों के सापेक्ष महिला लिंगानुपात में भी वृद्धि हुई है।

पुनरीक्षण कार्य के लिए मण्डलायुक्त निर्वाचक नामावली के प्रेक्षक

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि पुनरीक्षण कार्य के सुव्यवस्थित संचालन और सम्पादन के लिए आयोग द्वारा दोनों मण्डलों के मण्डलायुक्तों को निर्वाचक नामावली के प्रेक्षक के रूप में नियुक्त किया गया है, जो कम से कम तीन बार अपने मण्डल के सभी जनपदों का भ्रमण कर पुनरीक्षण कार्य की समीक्षा एवं अनुश्रवण कर आयोग को समय-समय पर अपनी रिपेर्ट प्रेषित करेंगे।

80 वर्ष से अधिक आयु के मतदाता को मिलेगी पोस्टल बैलट से मतदान की सुविधा

मुख्य निर्वाचत अधिकारी ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के नवीनतम दिशा-निर्देशों के अनुसार 80 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों, निर्वाचक नामावली में फ्लैग्ड किए गए दिव्यांगजनों के पोस्टल बैलट के माध्यम से मतदान की सुविधा प्रदान की जाएगी। उत्तराखण्ड राज्य में आलेख्य निर्वाचक नामावली के अनुसार 80 वर्ष से अधिक आयु के निर्वाचकों की संख्या 165113 है  जबकि दिव्यांग निर्वाचकों की संख्या 53900 है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *