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अरी बुढ़िया तुझसे क्यों संपर्क करेंगे भाजपा विधायक ! नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ह्रदयेश के लिए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत के बिगड़े बोल

अरी बुढ़िया तुझसे क्यों संपर्क करेंगे भाजपा विधायक ! नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ह्रदयेश के लिए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत के बिगड़े बोल

देहरादून। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत का कहना है कि एक बुढ़िया से कौन संपर्क करेगा। उन्होंने यह टिप्पणी कांग्रेस विधायक और नेता प्रतिपक्ष डॉ. श्रीमती इंदिरा ह्रदयेश के उस बयान पर कि जिसमें उन्होंने कहा था कि भाजपा के कई विधायक कांग्रेस के संपर्क में हैं।

उत्तराखंड में नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ने दो रोज पहले बयान दिया था कि भाजपा से नाराज कई विधायक कांग्रेस के संपर्क में हैं। आज मंगलवार को कुमाऊं में एक सार्वजनिक कार्य़क्रम में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत एक नए रूप में ही सामने आए। एक कार्यक्रम में उन्होंने सार्वजनिक तौर पर कहा कि नेता प्रतिपक्ष कह रही हैं कि भाजपा के पांच विधायक उनके संपर्क में हैं। मैं कहना चाहता हूं कि बुढ़िया के संपर्क में क्यों आएंगे विधायक।

इस मामले में नेता प्रतिपक्ष इंदिरा का कहना है कि इस तरह की बात करने वालों को अपने दिमाग का परीक्षण करा लेना चाहिए। उनके पिताश्री का देश के आंदोलन में क्या योगदान है, ये नेहरू जी की किताब से समझा जा सकता है। अगर जरूरत पड़ी तो इस मामले में मानहानि का मुकदमा भी दर्ज कराया जा सकता है।

अहम बात यह भी है कि भगत पहले भी यह कह चुके हैं कि इस बार मोदी के नाम पर वोट नहीं मिलने वाला। विधायकों को अपनी दम पर काम के नाम पर वोट लेना होगा। भगत ने सरकारी नौकरियों के मामले में भी कांग्रेस के दिग्गज हरीश रावत पर भी इसी तरह की टिप्पणी की है।

पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा सार्वजनिक जीवन में शब्दों की गरिमा का ध्यान रखना बहुत आवश्यक है, यदि शब्द किसी महिला को संबोधित कर या महिला को इंगित कर कहे जा रहे हों, उसमें किसी भी प्रकार की चूक माफी के लायक नहीं होती है और फिर यदि जानबूझकर के आप कुछ अभद्र बात, अभद्र तरीके से कर रहे हों तो फिर ऐसे व्यक्तियों के विषय में सोचना पड़ता है कि ये लोग सार्वजनिक जीवन के लायक हैं या नहीं! श्री बंशीधर भगत जी ने अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुये श्रीमती इंदिरा हृदयेश जी के विषय में जिस अमर्यादित ढंग से टिप्पणी की है, मैं उसकी निंदा करता हूं और भाजपा की संस्कृति का यह निम्नतम स्वरूप है, शायद भाजपा भी अपने अध्यक्ष की इस टिप्पणी पर शर्मिंदा होगी।

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