Big breaking:-प्रधानमंत्री ने बाबा केदार की धरती से किया संबोधन , आदि शंकराचार्य के जीवन पर भी प्रकाश डाला , धामी सरकार को भी दी शाबाशी,🕉️
जनसभा स्थल पहुंचने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राज्यपाल गुरमीत सिंह मंत्री धन सह रावत प पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत मंत्री हरक सिंह रावत मंत्री यतिस्वरानंद ने उनका स्वागत किया। वहीं प्रधानमंत्री ने तमाम निर्माण कार्यों का शिलान्यास और लोकार्पण भी किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना संबोधन जय बाबा केदार से शुरू किया प्रधानमंत्री ने कहा कि दैवीय आभा से सुसज्जित इस पवित्र कार्यक्रम में आने का मौका मिला प्रधानमंत्री ने बताया कि आज सभी मठो सभी ज्योतिर्लिंगों में इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण हुआ
वही उन्होंने साफ कहा कि हमारे उपनिषदों में साफ तौर पर कई बार कहा गया है कि कुछ अनुभव इतने अलौकिक होते हैं उन्हें शब्दो से नही व्यक्त किया जा सकता
पीएम बोले बाबा केदार में आकर बेहद अलग अनुभूति होती है जो बरबस मुझे अपनी तरफ खींच लेती है , उनके अनुसार में कल सेना के जवानों के बीच था वही गोवर्द्धन पूजा के दिन मुझे बाबा केदार के दर्शन का मौका मिला है
प्रधानमंत्री मोदी बोले आदि शंकराचार्य के सामने बैठकर मुझे आदि शंकराचार्य के नजरो से तेज पुंज नजर आ रहा था उनके समाधि स्थल का निर्माण किया गया उनके अनुसार गरूड़ चट्टी से मेरा विशेष लगाव है सरस्वती के घाट , मंदाकनी पर पुल बनाकर यात्रा सुगम होगी
कहा आपदा आई तो लोग पुरोहितो के कमरों में रहते थे पुरोहित श्रद्धालुओं का जमकर स्वागत करते थे उनके अनुसार अब सुविधाओ का निर्माण हो रहा है चाहे अस्पताल हो या फिर रेन सेंटरों का निर्माण किया गया जिससे बाबा केदार की उनकी यात्रा जमकर हो सकेगी
कहा मैंने आपदा को अपनी आँखों से देखा था उनके अनुसार लोग पूछते थे कि केदार का फिर से निर्माण हो सकेगा लेकिन मैंने कहा था होगा और आज वो सपना पूरा हुआ , कहा भगवान केदार संतो के आशीर्वाद ने और इस मिट्टी ने हवाओ ने मुझे पाला पोसा , उसकी सेवा करने का मौका मुझे मिला इससे।बड़ी बात कही नहीं हो सकती ।
कहा इस पुनीत प्रयास के लिए उत्तराखंड सरकार का ऊर्जावान युवा मुख्यमंत्री धामी जी का मैं धन्यवाद करता हूँ उनके अनुसार बर्फबारी के बीच भी हमारे श्रमिक भाई बहनों ने माइनस के टेम्प्रेचर में भी काम करते रहते थे
पीएम के अनुसार मैं लगातार ड्रोन के माध्यम से यहाँ के निर्माण कार्यो को मैं देखता रहा हूँ उन्होंने तमाम पुजारियों और रावल को धन्यवाद दिया
वही आदि शंकराचार्य के जीवन पर भी प्रधानमंत्री ने चर्चा की उनके अनुसार कम उम्र में ही उन्होंने जो ज्ञान पाया और उसे लोगो तक पहुचाया उनके अनुसार वो साक्षात शंकर के स्वरूप थे उनके अनुसार जो कल्याण करे वो ही शंकर हैं
कहा मैं विद्वान नहीं हूँ केवल सरल भाषा मे अपनी बात समझता हूँ और समझाता हूँ उनके अनुसार भारत के ज्ञान की परंपरा को आदि शंकराचार्य जी ने फिर शुरू किया
के अनुसार हमारे आध्यात्मिक चेतना को मठों ने संरक्षित किया हुआ है उनके अनुसार आदि शंकराचार्य ने भारतीय परंपरा में प्राण फुके उनके अनुसार मत होने पीढ़ी दर पीढ़ी मार्गदर्शन देने का काम किया