पूर्व सीएम शिवराज को केंद्र में मिलेगी बड़ी जिम्मेदारी
भोपाल-बीते हफ्ते मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणाम में भाजपा ने बंपर जीत हासिल की थी। तभी से ही राज्य में चर्चा थी की भाजपा किसी नए चेहरे को सीएम पर की कमान सौंप सकती है। अनुमान के मुताबिक भाजपा ने राज्य में नया चेहरा दे दिया है। मध्य प्रदेश के नए सीएम मोहन यादव होंगे। बता दें कि मोहन यादव इस वक्त राज्य के उज्जैन दक्षिण सीट से विधायक हैं। उन्होंने 2013, 2018 और 2023 में इस सीट से चुनाव जीता है।
शिवराज ने किया प्रस्ताव
मध्य प्रदेश के नए सीएम मोहन यादव के नाम का प्रस्ताव खुद राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया है। शुरू से ही ऐसी खबरें थीं कि भाजपा इस बार शिवराज के बजाय किसी अन्य को सीएम पद पर बैठा सकती है। खुद शिवराज भी कहते थे कि पार्टी उन्हें जो भी काम देगी उसे वह करने के लिए तैयार हैं। माना जा रहा है कि शिवराज सिंह चौहान को अब जल्द ही केंद्र की राजनीति में बुलाया जा सकता है।
संघ के करीबी हैं मोहन यादव
मोहन यादव शिवराज सिंह चौहान की सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री का पद संभाल चुके हैं। वह साल 2013 में पहली बार विधायक बन कर आए थे। मोहन यादव एबीवीपी और संघ से जुड़े हुए बताए जा रहे हैं। साल 1984 में मोहन यादव छात्र संघ के अध्यक्ष और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नगर मंत्री चुने गए थे।
विवादों से भी नाता
मध्य प्रदेश के नए सीएम होने वाले मोहन यादव का विवादों से काफी पुराना नाता रहा है। साल 2020 में उपचुनाव के समय असंयमित भाषा के प्रयोग के कारण चुनाव आयोग ने उनपर एक दिन के लिए प्रचार करने पर प्रतिबंध लगा दिया था। मोहन यादव को मध्य प्रदेश की राजनीति में भाजपा का मजबूत यादव चेहरा माना जाता है।
यादव, डॉ. मोहन
भारतीय जनता पार्टी
निर्वाचन क्षेत्र- उज्जैन दक्षिण (217)
पिता का नाम-
श्री पूनमचंद यादव
जन्म तिथि-
25 मार्च, 1965
जन्म स्थान-
उज्जैन
वैवाहिक स्थिति-
विवाहित
पत्री-
श्रीमती सीमा यादव
संतान-
2 पुत्र, 1 पुत्री
शैक्षणिक योग्यता
बी.एस.सी., एल.एल.बी., एम.ए. (राज. विज्ञान), एम.बी.ए., पी.एच.डी.
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व्यवसाय-
अभिभाषक, व्यापार, कृषि
पर्यटन, संस्कृति, इतिहास, विज्ञान, खेलकूद
सार्वजनिक एवं राजनीतिक जीवन का संक्षिप्त विकास क्रम-
सन् 1982 में माधव विज्ञान महाविद्यालय छात्रसंघ के सह-सचिव एवं 1984 में अध्यक्ष. सन् 1984 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उज्जैन के नगर मंत्री एवं 1986 में विभाग प्रमुख. सन् 1988 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मध्यप्रदेश के प्रदेश सहमंत्री एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और 1989-90 में परिषद की प्रदेश इकाई के प्रदेश मंत्री तथा सन् 1991-92 में परिषद के राष्ट्रीय मंत्री. सन् 1993-95 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, उज्जैन नगर के सह खण्ड कार्यवाह, सायं भाग नगर कार्यवाह एवं 1996 में खण्ड कार्यवाह और नगर कार्यवाह, सन् 1997 में भा.ज.यु.मो. की प्रदेश कार्य समिति के सदस्य. सन् 1998 में पश्चिम रेलवे बोर्ड की सलाहकार समिति के सदस्य, सन् 1999 में भा.ज.यु.मो. के उज्जैन संभाग प्रभारी. सन् 2000-2003 में विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन की कार्य परिषद के सदस्य, सन् 2000-2003 में भा.ज.पा. के नगर जिला महामंत्री एवं सन् 2004 में भा.ज.पा. की प्रदेश कार्य समिति के सदस्य, सन् 2004 में सिंहस्थ, मध्यप्रदेश की केन्द्रीय समिति के सदस्य. सन् 2004-2010 में उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष (राज्य मंत्री दर्जा). सन् 2008 से भारत स्काउट एण्ड गाइड के जिलाध्यक्ष सन् 2011-2013 में मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम, भोपाल के अध्यक्ष (केबिनेट मंत्री दर्जा). भा.ज.पा. की प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य, सन् 2013-2016 में भा.ज.पा. के अखिल भारतीय सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के सह-संयोजक. उज्जैन के समग्र विकास हेतु अप्रवासी भारतीय संगठन शिकागो (अमेरिका) द्वारा
महात्मा गांधी पुरस्कार और इस्कॉन इंटरनेशनल फाउंडेशन द्वारा सम्मानित, मध्यप्रदेश में पर्यटन के निरंतर विकास हेतु सन् 2011-2012 एवं 2012-2013 में राष्ट्रपति द्वारा
पुरस्कृत. सन् 2013 में चौदहवीं विधान सभा के सदस्य निर्वाचित.
सन् 2018 में दूसरी बार विधान सभा सदस्य निर्वाचित. दिनांक 2 जुलाई, 2020 को मंत्री पद की शपथ.
सम्प्रति: मंत्री, उच्च शिक्षा विभाग.