कर्णप्रयाग के कोली भटोली गाँव में भालू ने हमला कर ग्रामीण को बुरी तरह घायल किया।
कर्णप्रयाग (उत्तराखंड) शंकर सिंह बिष्ट:-कल दिनांक 11 अक्टूबर 2020 को कर्णप्रयाग विधानसभा के ग्राम सभा कोली भटोली के निवासी श्री उमराव सिंह नेगी और अन्य ग्रामीण जब मवेशियों के साथ जंगल में गये हुए थे तो अचानक भालू द्वारा श्री उमराव सिंह नेगी पर हमला कर दिया गया जिसमें वह बुरी तरह घायल हो गए थे। अन्य ग्रामीणों द्वारा शोर करने पर भालू वहां से भाग गया जिसके बाद ग्रामीणों द्वारा डंडी के माध्यम से सड़क तक पहुंचाया गया तथा उसके बाद अस्पताल ले जाया गया। उक्त घटना से क्षेत्र में काफी डर का माहौल बना हुआ है। समय पर यदि शासन प्रशासन द्वारा कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई तो आगामी समय में अन्य ग्रामीणों के साथ भी इस तरह की घटना घटित हो सकती है,
पहाड़ो पर जीना हुवा दुस्वार, कब कोन सी मुसीबत आ जाय कोई भरोसा नहीं। कभी गुलदार का हमला, कभी बाघ ,तेन्दुवा, ओर तो ओर सुवर भी अब हमला करने लगें है इंसानों पर। उत्तराखंड में कोई दिन ऐसा नही की जनवरो से संघर्ष में इंसान घायल या अपनी जान से हाथ धो बैठता होगा। वन विभाग को अपने आंखडे दिखाना होता है विश्व विरादरी को यहाँ कैसे बढ़ोतरी हो रही है गुलदार व बाघ की। खैर मरता न क्या न करता। पेट के खातिर जंगली में जाना ही पड़ता है। और सरकार के बेलगाम जानवर ऐसे ही हमको नुकसान पहुंचाते रहेंगे। और अपनी जान खोते रहेंगे। अपनी सुरक्षा के लिए अवश्य हथियार रखे। अपनी सुरक्षा की खातिर हिंसक जानवर से बचा जा सकता है। कई बार महिलाएँ अपने दरांती से इन जानवरों अपने को बचा लेती है। ऐसे ही कुछ हथियार रखना बहुत जरुरी है। एक कारगर उपाय ये भी है। कोई भी स्प्रे अपने पास रखे। हो सके मूव, मिर्च, काली मिर्च, का स्प्रे अपने पास जरूर रखना चाहिए उससे हल्का सा छिड़काव अपने कपड़ों में लगाकर रखिये बिल्ली कुत्ता बाघ, चिता तेन्दुवा लक्कड़बग्घा, गुलदार पास भी नही आएंगे। इसका प्रयोग घर पर किसी बिल्ली या कुत्ते पर आजमा के देखिये, मूव स्प्रे से कैसे दूर भागता है। ये आइडिया डिस्कवरी चैनल पर देखने को मिला । उसमें वर्ल्डलाइफ़ फ़ोटो ग्राफर एकाग्र होकर फोटोग्राफी कर रहा होता है। तभी एक बाघ उसको निशाना बनाने की फिराक में टोह लेते धीरे धीरे उसके पास पहुंच जाता है। समय रहते फोटोग्राफर को एहसास हो जाता है।कि बाघ हमला करने वाला है। इतनी देर में वह मूव जैसे दर्दनिवारक स्प्रे जो कि हर समय उसके जेब मे रहती थी उसका स्प्रे बाघ की ओर कर देता है। बाघ उल्टे पाँव भगता फिरा। उसमें यही बताया गया कि अपने पास जंगल मे इस तरह का स्प्रे अवश्य रखे । हल्का अपने कपड़ों पर स्प्रे करके चले उसकी गंध से भी पास नही आते जानवर।