प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों की नियुक्ति की प्रक्रिया पर लगी अंतरिम रोक हटी
नैनीताल, 08 अक्टूबर 2020। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों की नियुक्ति की प्रक्रिया पर लगी अंतरिम रोक हटा दी है। अलबत्ता न्यायालय ने यह भी साफ किया है कि नियुक्तियां याचिका के अंतिम आदेश के अधीन रहेंगी।
उल्लेखनीय है कि एनसीटीई यानी ‘नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर्स एजुकेशन’ की ओर से 2018 में नोटिफिकेशन जारी किया था। जिसमें शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए बीएड के लिए स्नातक में 50 फीसद अंकों की अनिवार्यता लागू कर दी गई थी।
उत्तराखंड सरकार ने भी इस शर्त को अपने नियमों में जोड़ दिया था। साथ ही यह भी तय किया था कि नियुक्तियों में पहली प्राथमिकता डीएलएड अभ्यर्थियों को दी जाएगी। उनके नहीं मिलने पर बीएड अभ्यर्थियों को मौका दिया जाएगा, तथा टीईटी के अंकों के आधार पर मेरिट सूची बनेगी।
सरकार के इस प्रावधान को राजीव राणा नाम सहित 30 से अधिक अभ्यर्थियों ने याचिका दायर कर चुनौती दी तो न्यायालय ने नियुक्तियों पर अंतरिम रोक लगा दी थी। इधर बृहस्पतिवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवि कुमार मलिमथ व न्यायमूर्ति रमेश खुल्बे की खंडपीठ में सुनवाई के दौरान सरकार ने कहा कि अंतरिम रोक की वजह से नियुक्ति प्रक्रिया बाधित हुई हैं। इस पर न्यायालय ने अंतरिम रोक हटा दी।